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शर्म आने पर चेहरा लाल क्यों हो जाता है

लजाना एक संवेग है जिसका संबंध संकोच शीलता से है. संकोच का अनुभव होते ही हमारी अधिवृक्क ग्रन्थि से, ऐड्रिनलीन का स्राव होने लगता है. इससे ऐडेनिलिल साइक्लेज़ नामका ऐन्ज़ाइम क्रियाशील हो उठता है, जिसके फलस्वरूप साइक्लिक एऐमपी का स्तर बढ़ जाता है. साइक्लिक एऐमपी का स्तर बढ़ने से रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और हमारे चेहरे का रंग गुलाबी या लाल हो जाता है. शरीर के दूसरे हिस्सों की तुलना में हमारे गालों में रक्त वाहिकाएं अधिक होती हैं, वो अधिक मोटी होती हैं और सतह के अधिक समीप होती हैं इसलिए उनका असर साफ़ दिखाई देने लगता है.

1 comment:

Jade Barnes said...

Great post thanks for sharing it