एक व्यक्ति को उबासी आती है तो उसके पास वाले को भी उबासी क्यो आ जाती है.
उबासी छूत का रोग है इसके बारे में वैज्ञानिको के कई मत है. हम पैदा होने से पूर्व ही उबासी लेने लग जाते है और इस भू मंडल पर लगभग सभी प्राणी उबासी लेते है यहाँ तक की साँप और मछली भी. एक अनुमान के अनुसार उबासी हम दुसरे की नींद की नक़ल करने के लिए नही लेते वरन ये हमारे मस्तिष्क को ठंडा करती है और उसे व्यावहारिक तौर पर सगज रहने और खतरे को भांपने के लिए संकेत देती है. एक अन्य अनुमान के अनुसार एक व्यक्ति के बाद दुसरे को जो उबासी आती है वो एक प्रकार का मूक वार्तालाप होता है जो अचैतन्य मस्तिष्क के द्वारा की गई एक क्रिया है जिससे मनुष्य की झुंड या समूह की परवर्ती प्रर्दशित होती है. एक अनुमान ये भी कहता है की पूर्व काल में उबासी के द्वारा आदि मानव ये प्रमाणित करने की कोशिश करता था की सोने का समय हो गया है.
Posted by
Bhavesh (भावेश )
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Monday, February 02, 2009
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