अभी तक हुए अनुसन्धानो के अनुसार एड्स मच्छर के काटने से नही होता है। ने तो खून के संक्रमण से और न ही प्रदूषित मच्छर के सुई की तरह के डंक दोनों से ही मनुष्य को एड्स नही हो
सकता। अगर ऐसा नही होता तो मच्छर को भी ये रोग हो जाना चाहिए था। सर्वप्रथम मच्छर मनुष्य के खून में से इतना वायरस नही निकाल पता की वो स्वस्थ्य व्यक्ति को संक्रमित कर सके और फिर मच्छर में एड्स वायरस को पचा लेने की क्षमता भी होती है। मच्छर के खून चुसना और सुई का शरीर में चुभना अलग अलग प्रक्रिया है. मच्छर अपनी अपनी ग्रंथियों से लार निकालता है और दूसरी से खून चुसता है और इसके कारण उसके पेट के सारे वायरस निकल नही पाते.
सकता। अगर ऐसा नही होता तो मच्छर को भी ये रोग हो जाना चाहिए था। सर्वप्रथम मच्छर मनुष्य के खून में से इतना वायरस नही निकाल पता की वो स्वस्थ्य व्यक्ति को संक्रमित कर सके और फिर मच्छर में एड्स वायरस को पचा लेने की क्षमता भी होती है। मच्छर के खून चुसना और सुई का शरीर में चुभना अलग अलग प्रक्रिया है. मच्छर अपनी अपनी ग्रंथियों से लार निकालता है और दूसरी से खून चुसता है और इसके कारण उसके पेट के सारे वायरस निकल नही पाते.


No comments:
Post a Comment