कैसे इक्का दुक्का सेना के जवानों को घंटो तक गोलाबारी में उलझाये रखते है ?
ये कोई ख़ास आश्चर्य की बात नही है। कारगिल में आतंकियों ने न केवल पक्के बंकर बना लिए थे बल्कि उनके पास छ महीनो का राशन भी जमा था. हाल ही में मैंने पढ़ा था कि भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मंधार के घने जंगल में सुरक्षा बलों और चरमपंथियों के बीच जारी मुठभेड़ को 60 घंटे से भी ज़्यादा वक्त हो चला है. इस इलाके में भीषण गोलीबारी चल रही है. मुठभेड़ जारी है. अभी तक सात लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें चार चरमपंथी और तीन जवान बताए जा रहे हैं. 60 घंटे तक आतंकवादी कोई धुप में खड़े होकर नही लड़ते. वो अपने सारे इंतजाम पहले से करते है फिर सेना के जवानों को निशाना बनाते है. रही बात चीन की तो चीन कभी भी भारत का दोस्त नही रहा और पाकिस्तान जो उसके लिए पिद्दी सा देश है उसे वो अपना पिल्ला बना कर रखना चाहता है ताकि भारत पाक रिश्तो में इन्हे उलझा कर वो अपनी तेज आर्थिक गति को चालू रख सके. जब तक देश का नागरिक समझदार नही होता और दूरगामी परिणाम नही सोच सकने में समर्थ नही होता तब तक इन शिखंडी राजनेताओ का दंश इस देश को झेलना ही पड़ेगा.
Posted by
Bhavesh (भावेश )
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Tuesday, January 06, 2009
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राजनीति
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5 comments:
आपका स्वागत है .... मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें
dono deshon ke neta kab samjainge chin ki ranniti ko aapne bilkul sahi kaha....
अक्षय-मन
Pida jhalak rahi hai aapke shabdon mein. Sarthak pahal. Swagat.
नववर्ष् की शुभकामनाएं
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
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मेरी शुभकामनाएं!
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