क्या एक और कारगिल जैसा युद्ध होगा ?
नही इस देश में इतनी जुर्रत नही है की पाकिस्तान से टक्कर ले सके. भारत बयानबाजी के आगे और कुछ नही कर सकता. अगर पड़ोसी मित्र ने हमला कर भी दिया तो हमारा ये देश अपनी सेना के बहादुरों को शहीदी के नाम पर मरवाएगा और अंत में दुश्मन के लोगो को जिन्दा ही दुश्मन को वापस सौंप कर के भारत में ओपरेशन विजय मनायेगा. प्रधानमंत्री मनमोहन के बयान के एक दिन ही बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुल्तान में रविवार को कहा कि संदिग्ध चरमपंथियों को अमरिका के हवाले करने और भारत की माँग को एक समान नहीं देखा जा सकता है. शाह कुरैशी का कहना था कि पाकिस्तान मुंबई हमलों के बारें में तभी कुछ करेगा जब भारत की ओर से उसे कुछ भी अधिकारिक रुप में प्राप्त होगा. अब हमारे प्रधामंत्री या उनका कार्यालय इस बात के लिए जल्द ही तैयार हो जाएगा की चरमपंथियों पर पाकिस्तान में ही मुकदमा चले. ठीक भी है क्योंकि इन रावणों की संतानों को भारत लायेगे तो फिर कोई कंधार काण्ड होगा और हमें उग्रवादियों को हवाई जहाज में बैठा कर उनके घर छोड़ कर अपनी नाक कटवानी पड़ेगी.
Posted by
Bhavesh (भावेश )
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Tuesday, January 06, 2009
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राजनीति
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1 comment:
Hello, nice post.
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