क्या देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत है ?
मुझे व्यक्तिगत तौर पर नही लगता की देश की आंतरिक सुरक्षा कभी मजबूत हो पायेगी और इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे देश में दीमक की तरह फैला हुआ भ्रष्टाचार. जब तक निगरानी वाले सूरज का पहरा गद्दारी रहेगा और जब तक सोने का हिरन हमारी देशभक्ति पर भारी रहेगा तब तक सुरक्षा में सेंध लगाना किसी भी रावन के लिए कतई मुश्किल नही होगा. अंधे के साथ साथ लूला, लंगडा, गूंगा और बहरा बना हुआ अपाहिज कानून और उसकी रक्षा करते ये नापुसंको की फौज जिसे हम नेता के नाम से भी जानते है इनके हाथो में देश की बागडौर देने वाली ये जनता सब नकारा और स्वार्थ से परिपूर्ण है. ये अदीर्घ दृष्टि लोग ये नही देखते की अगर जड़े मजबूत हुई तो पेड़ ख़ुद-ब-ख़ुद ही ठीक हो जाएगा. लोगो का ध्यान केवल पत्तियों पर रहता है. असल में लोग ये सोच ही नही सकते की उनकी सही तरक्की देश की तरक्की के साथ ही जुड़ी हुई है. सब को पहले अपना, फिर परिवार का भला करना होता है. देश इस लिस्ट में कही आता ही नही तो इस अनाथ से देश को कैसे सुरक्षित रखा जाए.
Posted by
Bhavesh (भावेश )
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Tuesday, January 06, 2009
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राजनीति
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