वैसे तो मेरा ब्लॉग अमूमन हॉट लिस्ट में नहीं आता और पाठक संख्या भी औसत ही रहती है पर फिर भी एक बार अवधिया जी ने टिपण्णी में लिखा था की मेरे ब्लॉग को खुलने में काफी समय लगता है. उन्होंने सलाह दी थी कि मैं अपने ब्लॉग पर विडजेट संख्या कम कर दूँ. मैंने भी उनके आदेशानुसार अपने ब्लॉग पर लगाये हुए लगभग सारे विडजेट को तुरंत ही हटा लिए लेकिन अफ़सोस इससे पोस्ट खुलने की स्पीड में कोई खास परिवर्तन नहीं आया. इसके बाद मैंने भी इस विषय पर ज्यादा रिसर्च नहीं की और मामला सरकारी दफ्तरों की तरह ठन्डे बस्ते में चला गया.
आज जब मैं अपने ब्लॉग पर गया तो पाया की पोस्ट खुलने की गति में कुछ तो बाधक है. बस उसी वक़्त से में उस दोषी को ढूंढने में लग गया. थोड़ी खोज बीन के बाद पता चला की मैंने अपनी पोस्ट में एक स्क्रिप्ट लगा रखी थी जिससे ये पता चलता है की उस पोस्ट को कितनी बार पढ़ा गया. बस ये महाशय ही असली गुनाहगार थे जो पोस्ट को जल्दी लोड होने से रोक रहे थे. अब मैंने वो स्क्रिप्ट हटा दी है. आशा है जब कोई भी पाठक मेरे ब्लॉग पर किसी पोस्ट को पढने के लिए क्लिक करेगा तो पेज जल्दी लोड हो जायेगा.
आभार होगा अगर आप टिपण्णी के द्वारा ये बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या आपको इस पोस्ट को लोड होने में ज्यादा इंतज़ार करना पड़ा.
जरुरी नहीं है की हर बार विडजेट ही आपके पेज डाउनलोड को धीरे कर रहा हो. अन्य कारण जैसे कोई जावा स्क्रिप्ट भी आपके पोस्ट को तुरंत लोड करने में गतिअवरोधक का काम कर सकती है.
आज ये समस्या भी सुलझ गई
Posted by
Bhavesh (भावेश )
at
Wednesday, April 28, 2010
आपका क्या कहना है?
3 पाठकों ने टिप्पणी देने के लिए यहां क्लिक किया है। आप भी टिप्पणी दें।
Labels:
अन्य
क्रिकेट में प्रत्येक रन के तेरह लाख रूपये - वाह वाह आईपीएल
दीवानगी भी जो न कराये वो कम है. आईपीएल का तृतीय संस्करण ख़त्म हो चुका है. अपने प्रथम संस्करण से ही मीडिया में छाये रहने वाले इस मनोरंजन को क्रिकेट का नाम देकर और आम जनता की भावनाओ से जोड़ कर अब तक तो हर बार अच्छी तरह से भुनाया गया है.
क्या आप यकीन करेंगे अगर कोई आपसे कहे कि गरीबो के देश में आपको क्रिकेट खेलने और प्रत्येक रन बनाने के लिए तेरह लाख रूपये (जी हाँ बिल्कुल ठीक सुना आपने) तेरह लाख रूपये मिलेंगे जो की हमारी प्रति व्यक्ति वार्षिक आय ३८,०८४ रूपये से पैतीस गुना ज्यादा है . ध्यान रहे ये प्रति व्यक्ति की सालाना आय है जबकि क्रिकेट खेलने पर आपको पैसा आपको पांच हफ्ते में ही मिल रहा है. साल के बाकि बचे सेतालिस सप्ताह आप और किसी जगह क्रिकेट खेल कर या कुछ और कर के पैसा कमाने के लिए आजाद है.
जी हाँ ये हमारे आईपीएल का ही कमाल है. ये वो ही आईपीएल है जिसमे पचास से ज्यादा मैच खेले गए और हर मैच के बाद पार्टी हुई जिसमे प्रत्येक खिलाडी को शिरकत करना अनिवार्य था. अनुमान है कि हर पार्टी में करीब ढाई हज़ार बियर की बोतले और पांच सौ बोतल व्हिस्की का सेवन हुआ . मैदान से बहार जो भी खेल हुआ उसके आंकड़े तो हासिल होना मुश्किल है लेकिन मैदान पर जो खेल हुआ उस पर विश्लेषण किया जा सकता है.
जहाँ जयसूर्या को जहाँ एक रन बनाने के तेरह लाख रूपये मिले, वही माहि या धोनी को हर रन के बदले दो लाख बत्तीस हज़ार रूपये मिले। युवराज को हर रन पर एक लाख पिच्यासी हज़ार, गंभीर को एक लाख सोलह हज़ार, सहवाग को एक लाख सात हज़ार और तेंदुलकर को प्रत्येक रन के करीब अस्सी हज़ार रूपये मिले. आइये देखे कुछ मुख्य खिलाडियों का प्रत्येक रन कितने रूपये का पड़ा.
वाह रे मेरे नेताओ का गरीब देश। ये नेता हर साल गरीबी मिटाने के नाम पर वोते मांगते है। गरीबी तो मिटती है लेकिन राजनेता और अफसरशाहो की. तभी तो आज स्विस बैंक में भारतीयों का कुल 1456 बिलियन डालर (जी हां एक लाख पैतालीस हज़ार छ सौ करोड़ डालर) का काला पैसा जमा है जो वहां के बैंको में जमा अन्य सब देशो के कुल जमा पैसो से भी ज्यादा है. सचमुच धन्य है हमारा देश और धन धान्य से पूरा भरा ये आईपीएल !!!!
क्या आप यकीन करेंगे अगर कोई आपसे कहे कि गरीबो के देश में आपको क्रिकेट खेलने और प्रत्येक रन बनाने के लिए तेरह लाख रूपये (जी हाँ बिल्कुल ठीक सुना आपने) तेरह लाख रूपये मिलेंगे जो की हमारी प्रति व्यक्ति वार्षिक आय ३८,०८४ रूपये से पैतीस गुना ज्यादा है . ध्यान रहे ये प्रति व्यक्ति की सालाना आय है जबकि क्रिकेट खेलने पर आपको पैसा आपको पांच हफ्ते में ही मिल रहा है. साल के बाकि बचे सेतालिस सप्ताह आप और किसी जगह क्रिकेट खेल कर या कुछ और कर के पैसा कमाने के लिए आजाद है.
जी हाँ ये हमारे आईपीएल का ही कमाल है. ये वो ही आईपीएल है जिसमे पचास से ज्यादा मैच खेले गए और हर मैच के बाद पार्टी हुई जिसमे प्रत्येक खिलाडी को शिरकत करना अनिवार्य था. अनुमान है कि हर पार्टी में करीब ढाई हज़ार बियर की बोतले और पांच सौ बोतल व्हिस्की का सेवन हुआ . मैदान से बहार जो भी खेल हुआ उसके आंकड़े तो हासिल होना मुश्किल है लेकिन मैदान पर जो खेल हुआ उस पर विश्लेषण किया जा सकता है.
जहाँ जयसूर्या को जहाँ एक रन बनाने के तेरह लाख रूपये मिले, वही माहि या धोनी को हर रन के बदले दो लाख बत्तीस हज़ार रूपये मिले। युवराज को हर रन पर एक लाख पिच्यासी हज़ार, गंभीर को एक लाख सोलह हज़ार, सहवाग को एक लाख सात हज़ार और तेंदुलकर को प्रत्येक रन के करीब अस्सी हज़ार रूपये मिले. आइये देखे कुछ मुख्य खिलाडियों का प्रत्येक रन कितने रूपये का पड़ा.
Player | Cost ($) | Match | Runs | Avg | Strikerate | $/Run | Rs/Run |
ST Jayasuriya | 975000 | 4 | 33 | 8.25 | 106.45 | 29545 | 1311818 |
BB McCullum | 700000 | 5 | 114 | 28.50 | 103.63 | 6140 | 272631 |
JP Duminy | 950000 | 7 | 157 | 31.40 | 119.84 | 6050 | 268662 |
KP Pietersen | 1350000 | 7 | 236 | 59.00 | 150.31 | 5720 | 253983 |
MS Dhoni | 1500000 | 13 | 287 | 31.88 | 136.66 | 5226 | 232055 |
YuvrajSingh | 1063750 | 14 | 255 | 21.25 | 128.14 | 4171 | 185217 |
A Symonds | 1350000 | 16 | 429 | 30.64 | 125.80 | 3146 | 139720 |
KA Pollard | 750000 | 14 | 273 | 22.75 | 185.71 | 2747 | 121978 |
CH Gayle | 800000 | 9 | 292 | 32.44 | 158.69 | 2739 | 121643 |
G Gambhir | 725000 | 11 | 277 | 30.77 | 127.64 | 2617 | 116209 |
AC Gilchrist | 700000 | 16 | 289 | 18.06 | 156.21 | 2422 | 107543 |
V Sehwag | 833750 | 14 | 356 | 25.42 | 163.30 | 2342 | 103984 |
SC Ganguly | 1092500 | 14 | 493 | 37.92 | 117.66 | 2216 | 98391 |
HH Gibbs | 575000 | 10 | 267 | 26.70 | 113.61 | 2153 | 95617 |
RV Uthappa | 800000 | 16 | 374 | 31.16 | 171.55 | 2139 | 94973 |
KC Sangakkara | 700000 | 13 | 357 | 29.75 | 138.91 | 1960 | 87058 |
RG Sharma | 750000 | 16 | 404 | 28.85 | 133.77 | 1856 | 82425 |
SR Tendulkar | 1121250 | 15 | 618 | 47.53 | 132.61 | 1814 | 80555 |
JH Kallis | 900000 | 16 | 572 | 47.66 | 115.78 | 1573 | 69860 |
YK Pathan | 475000 | 14 | 333 | 27.75 | 165.67 | 1426 | 63333 |
SK Raina | 650000 | 16 | 520 | 47.87 | 142.85 | 1250 | 55500 |
ML Hayden | 375000 | 16 | 346 | 21.62 | 124.01 | 1083 | 48121 |
DPMD Jayawardene | 475000 | 13 | 439 | 43.90 | 147.31 | 1082 | 48041 |
DA Warner | 250000 | 11 | 282 | 28.20 | 147.64 | 886 | 39361 |
SR Watson | 125000 | 6 | 185 | 37.00 | 162.28 | 675 | 30000 |
M Vijay | 50000 | 15 | 458 | 35.23 | 156.84 | 109 | 4847 |
TL Suman | 30000 | 14 | 307 | 34.11 | 119.45 | 97 | 4338 |
SS Tiwary | 40000 | 16 | 419 | 29.92 | 135.59 | 95 | 4238 |
NV Ojha | 30000 | 1 | 377 | 31.41 | 132.28 | 79 | 3533 |
वाह रे मेरे नेताओ का गरीब देश। ये नेता हर साल गरीबी मिटाने के नाम पर वोते मांगते है। गरीबी तो मिटती है लेकिन राजनेता और अफसरशाहो की. तभी तो आज स्विस बैंक में भारतीयों का कुल 1456 बिलियन डालर (जी हां एक लाख पैतालीस हज़ार छ सौ करोड़ डालर) का काला पैसा जमा है जो वहां के बैंको में जमा अन्य सब देशो के कुल जमा पैसो से भी ज्यादा है. सचमुच धन्य है हमारा देश और धन धान्य से पूरा भरा ये आईपीएल !!!!
Posted by
Bhavesh (भावेश )
at
Wednesday, April 28, 2010
आपका क्या कहना है?
2 पाठकों ने टिप्पणी देने के लिए यहां क्लिक किया है। आप भी टिप्पणी दें।
Labels:
अन्य,
आईपीएल,
क्रिकेट,
भ्रष्टाचार
आइपीएल के बहाने भ्रष्टाचार पर एक नज़र
चलिए तीन साल बाद या यूँ कहने थरूर प्रकरण के बाद सरकारी एजेंसीयो ने आइपीएल में लगे पैसे की सुध तो लेने की सोची. देखिये जैसे जैसे परत खुलेगी कितने दोयम दर्जे के नेता इस हमाम में नंगे नजर आयेंगे. दोयम दर्जे के इसलिए क्योंकि जो अव्वल दर्जे के छंटे हुए गुंडे बदमाश (इसे नेता पढ़ा जाए) है वो तो जांच एजेंसी को अपनी जेब में रखते है और इस घपले में अपना नाम कभी भी सार्वजनिक नहीं होने देंगे.
आउटलुक पत्रिका में छपे एक लेख के अनुसार देश में १९९२ से २००८ तक भारत देश में ७३ (73) लाख करोड़ रूपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए है. ये धांधली का पैसा हमारे देश के ५३ (53) लाख करोड़ के सकल घरेलु उत्पाद से २७% (27%) ज्यादा है. भ्रष्टाचार के प्रति हम लगभग पूर्ण रूप से उदासीन है. देश ने आज इस कैंसर रूपी रोग के साथ रहना अपनी नियति मान लिया है. लेकिन अगर इस पैसे का सही जगह उपयोग होता तो शायद देश की तस्वीर ही कुछ और होती. क्या आप जानते है भ्रष्टाचार के इतने पैसे से :
देश में तीस लाख रूपये के लागत से २.४ (2.4) करोड़ प्राथमिक चिकित्सा केंद्र खोले जा सकते थे. यानि देश के हर गाँव में ३ चिकित्सा केंद्र.
पांच लाख रूपये प्रत्येक की लागत से १४.६ (14.6) करोड़ निम्न / मध्य वर्गीय मकान बन सकते थे.
३.०२ (3.02) करोड़ रुपयों की लागत से २४.१ (24.1) केंद्रीय विद्यालय बन सकते थे जिसमे प्रत्येक में कक्षा छ से बारह तक के दो खंड या सेक्शन हो सकते थे.
सम्पूर्ण भारत देश के परिधि को ९७ (97) बार चक्कर काटते हुए १४.६ (14.6) लाख किलोमीटर की सड़क बन सकती थी.
हर साल १,२०० (1,200) करोड़ रूपये व्यय करके, देश की पचास प्रमुख नदियों की अगके १२१ (121) सालो तक सफाई हो सकती थी.
२,७०० (2,700) करोड़ रूपये के लागत से ६०० (600) मेगा वाट के २,७०३ (2,703) कोयले के पॉवर प्लांट लग सकते थे.
८१,१११ (81,111) करोड़ रूपये खर्च करके, ९० (90) नारेगा जैसी योजनाये चलाई जा सकती थी.
६०,००० (60,000) करोड़ रूपये खर्च करके, देश के सारे किसानो के ऋण १२१ (121) बार माफ़ किये जा सकते थे.
देश के प्रत्येक नागरिक को करीब ५६,००० (56,000) रूपये दिए जा सकते थे. या या फिर गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक लाख अस्सी हज़ार रूपये दिए जा सकते थे.
७० (70) करोड़ लोगो को ७० (70) करोड़ नैनो दी जा सकती थी या २८० (280) करोड़ लैपटॉप बांटे जा सकते थे.
देश में तीस लाख रूपये के लागत से २.४ (2.4) करोड़ प्राथमिक चिकित्सा केंद्र खोले जा सकते थे. यानि देश के हर गाँव में ३ चिकित्सा केंद्र.
पांच लाख रूपये प्रत्येक की लागत से १४.६ (14.6) करोड़ निम्न / मध्य वर्गीय मकान बन सकते थे.
३.०२ (3.02) करोड़ रुपयों की लागत से २४.१ (24.1) केंद्रीय विद्यालय बन सकते थे जिसमे प्रत्येक में कक्षा छ से बारह तक के दो खंड या सेक्शन हो सकते थे.
सम्पूर्ण भारत देश के परिधि को ९७ (97) बार चक्कर काटते हुए १४.६ (14.6) लाख किलोमीटर की सड़क बन सकती थी.
हर साल १,२०० (1,200) करोड़ रूपये व्यय करके, देश की पचास प्रमुख नदियों की अगके १२१ (121) सालो तक सफाई हो सकती थी.
२,७०० (2,700) करोड़ रूपये के लागत से ६०० (600) मेगा वाट के २,७०३ (2,703) कोयले के पॉवर प्लांट लग सकते थे.
८१,१११ (81,111) करोड़ रूपये खर्च करके, ९० (90) नारेगा जैसी योजनाये चलाई जा सकती थी.
६०,००० (60,000) करोड़ रूपये खर्च करके, देश के सारे किसानो के ऋण १२१ (121) बार माफ़ किये जा सकते थे.
देश के प्रत्येक नागरिक को करीब ५६,००० (56,000) रूपये दिए जा सकते थे. या या फिर गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक लाख अस्सी हज़ार रूपये दिए जा सकते थे.
७० (70) करोड़ लोगो को ७० (70) करोड़ नैनो दी जा सकती थी या २८० (280) करोड़ लैपटॉप बांटे जा सकते थे.
भ्रष्टाचार देश के लिए कोई नई बात नहीं है. स्विस बैंक में भारतीयों का कुल 1456 बिलियन डालर (जी हां एक लाख पैतालीस हज़ार छ सौ करोड़ डालर) का काला पैसा जमा है जो वहां के सारे बैंको में जमा अन्य सब देशो के कुल जमा पैसो से भी ज्यादा है. ये राशि भारत के कुल ऋण से 13 गुना ज्यादा है. यानि की इस राशि से भारत न केवल कर्ज मुक्त हो सकता है बल्कि कुल ऋण से बारह गुना ज्यादा राशि अपने पास रख सकता है. अन्यथा इस पैसे से 45 करोड़ लोगो में एक लाख रुपया भी बांटा जा सकता है. रूस जो स्विस बैंक जमा राशी में दुसरे स्थान पर है उसका कुल जमा 47,000 करोड़ डालर है जो भारत की जमा राशि से चार गुना कम है.
यहाँ सोचने वाली बात ये है कि आईपीएल को पारर्दर्शी होने के की बात थरूर के इस्तीफ़े के बाद से इतनी तेज क्यों हो गई है. यह सब काम तो थरूर का नाम जुड़ने से पहले भी ऐसे ही चल रहा था. दरअसल ये और कुछ नहीं, ललित मोदी पर लगाम कसने के लिए सरकार के इशारे पर की जा रही कार्रवाई के सिवा और कुछ नहीं है. इससे एक बात तो तय लग रही है कि मोदी के इस्तीफ़े के बाद मामला शांत हो जाएगा क्योंकि अगर बात आगे बढती है तो फिर क्या शरद पंवार क्या प्रफुल्ल पटेल, सब के सब लपेटे में आ जायेंगे.
एक अनुमान के अनुसार आइपीएल करीब 2000 करोड़ रूपये का घोटाला बतलाया जा रहा है. देश में इससे पहले और इससे कई बड़े भ्रष्टाचार के काण्ड हुए है जिनमे मुख्य है सत्यम 8000 करोड़, हर्षद मेहता 4000 करोड़, मधु कोड़ा 2000 करोड़, केतन मेहता 1500 करोड़, सी आर भंसाली 1200 करोड़, लालू चारा घोटाला 950 करोड़, दिनेश डालमिया 600 करोड़, उदय गोयल 210 करोड़ और अब्दुल करीम तेलगी 175 करोड़. इन सब केस में आज तक देश की किस अदालत ने किसी भी शामिल व्यक्ति का कुछ उखाड़ लिया जिससे की आम आदमी आज देश की न्यायप्रणाली पर विश्वास रखे.
अगर गुंडे छाप नेता लोग सचमुच में भ्रष्टाचार को मिटाना चाहते है, जिसकी कोई उम्मींद नहीं है, तो केवल आईपीएल जैसी छोटी मछली का तमाशा बनाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला. उन्हें देश को उपरोक्त सभी गबन हुए पैसे का न केवल हिसाब देना पड़ेगा बल्कि ये भी सुनिश्चित करना पड़ेगा कि दुबारा ऐसी कोई घटना नहीं हो. खैर वैसे होना तो बहुत कुछ चाहिए मगर जिस तरह से नेताओं के नाम इन काण्ड से जुड़े हुए होते हैं, उसकी वजह से हर बार ये जो बात निकली है वो दो दिन में अढाई कोस चल कर टाय टाय फिस्स हो जाती है, और ऐसा ही कुछ अब भी होता दिख रहा है।
(चित्र साभार : गूगल)
Posted by
Bhavesh (भावेश )
at
Friday, April 23, 2010
आपका क्या कहना है?
4 पाठकों ने टिप्पणी देने के लिए यहां क्लिक किया है। आप भी टिप्पणी दें।
Labels:
आईपीएल,
घोटाले,
भारत,
भ्रष्टाचार,
राजनीति
Subscribe to:
Posts (Atom)