tag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post5318447571741114390..comments2024-03-20T13:54:02.574+08:00Comments on जिन्दगी की पाठशाला: दुर्गति हिंदी कीBhavesh (भावेश )http://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-89244166925949858032010-07-23T01:58:27.497+08:002010-07-23T01:58:27.497+08:00अद्भुत।अद्भुत।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-57503242689633374032010-07-16T21:58:41.704+08:002010-07-16T21:58:41.704+08:00दुःख होता है ये देखकर . हमारी राष्ट्र भाषा का ये ...दुःख होता है ये देखकर . हमारी राष्ट्र भाषा का ये हाल !माधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-30441782010657261092010-07-15T23:39:02.564+08:002010-07-15T23:39:02.564+08:00पोस्टर लिखने वाले लगभग अनपढ जैसे होते है। और पढे ल...पोस्टर लिखने वाले लगभग अनपढ जैसे होते है। और पढे लिखे काम नही करते। वैसे मैं भी टाईप करते समय बहुत गलतियाँ करती हूँ। अच्छी पोस्ट है धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-51216217858228659872010-07-15T10:59:21.631+08:002010-07-15T10:59:21.631+08:00नीरज जी से सहमत, देख कर हंसी भी आती है और दुःख भी ...नीरज जी से सहमत, देख कर हंसी भी आती है और दुःख भी होता है. लेकिन हमें दुःख और हंसी से आगे बढ़कर स्वयं ही कुछ करना पड़ेगा या फिर चुपचाप बैठकर अपनी प्रिय भाषा "हिंदी" की दुर्दशा को सहन करते रहो.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-72539728562002772902010-07-15T03:31:28.435+08:002010-07-15T03:31:28.435+08:00आप अपनी जगह सही हैं...आप अपनी जगह सही हैं...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-32852698778822670122010-07-05T14:17:46.801+08:002010-07-05T14:17:46.801+08:00देख कर हंसी भी आती है और दुःख भी होता है...
नीरजदेख कर हंसी भी आती है और दुःख भी होता है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-50847942416821388542010-06-23T12:29:37.578+08:002010-06-23T12:29:37.578+08:00आपके प्रयास अच्छे हैं , अशिक्षा के कारण यह हाल है ...आपके प्रयास अच्छे हैं , अशिक्षा के कारण यह हाल है , उम्मीद रखें ! हार्दिक शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-53615512541515060102010-06-18T14:39:02.170+08:002010-06-18T14:39:02.170+08:00आप को धन्यवाद. मुझे प्रधान पद की ना कोई आवश्यकता ह...आप को धन्यवाद. मुझे प्रधान पद की ना कोई आवश्यकता है और ना अभिलाषा. किंतु गाँव के हिट में और निर्धन निस्सहाय समाज के आगृह पर मैने इसे स्वीकार किया है. इसमे बारे में भी विरोधियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है की यह पद आरक्षित हो जाए और मैं मार्ग से हट जाऊं. राज्य की घोषित नीति के अनुसार यह पद सामान्य वर्ग में ही रखा जाना चाहिए.<br />मेरा आप सभी से आग्रह है की इसे देश के समस्त प्रबुद्ध वर्ग के विरुद्ध एक षड्यंत्र मानते हुए इसके विरुद्ध एकजुट स्वर बुलंद करें. इसके लिए कुच्छ संपर्क सूत्र दे रहा हून उनका अथवा अपने निजी संपर्कों का उपयोग कर शासक-पराशासकों को सूचित करें की देश का प्रबुद्ध वर्ग उनके कुशासन के विरुद्ध एकजुट है -<br />Narsena police Station Incharge 9454403155<br />Circle Officer Siyana 09454401557<br />SSP Bulandshahr 09454400253<br />sspbhr@up.nic.in, sspbhr_123@yahoo.co.in, sspbsr@rediffmail.com, sspbsr@yahoo.co.in<br /><br />इनके अतिरिक्त आप केंद्रीय एवं राज्य सरकारों को भी अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराएँ. मैं अभी मानव अधिकार आयोग को अपनी शिकायत भेज रहा हूँ. क्योंकि मुझे मेरी इच्च्छानुसार अपने पैतृक गाँव में रहने से रोका जा रहा है जो मेरा मौलिक अधिकार है.<br />राम बंसलराम बंसल/Ram Bansalhttps://www.blogger.com/profile/10182040999161020512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-40998863361056548602010-05-17T16:51:17.743+08:002010-05-17T16:51:17.743+08:00हिन्दी की दुर्दशा हर जगह है.ट्रान्सलिट्रेशन भी कभ...हिन्दी की दुर्दशा <a href="http://shakunaakhar.blogspot.com/2009/11/blog-post.html" rel="nofollow">हर जगह</a> है.ट्रान्सलिट्रेशन भी कभी कभी हिन्दी की दुर्दशा कर देता है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-68325736898380370942010-05-06T16:38:01.862+08:002010-05-06T16:38:01.862+08:00ये हिंदी की दुर्दशा नहीं, विकास का प्रतीक है. हिंद...ये हिंदी की दुर्दशा नहीं, विकास का प्रतीक है. हिंदी विकास कर रही है और विकास के प्रथम अवस्था में है. इसके विकास में आप जैसे प्रबुद्ध लोगों का योगदान अपेक्षित है.Satyajeetprakashhttps://www.blogger.com/profile/11272982282044450151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8825101291759149808.post-58836019658913850462010-05-06T16:16:49.511+08:002010-05-06T16:16:49.511+08:00कुछ नी हो सक्ता.कुछ नी हो सक्ता.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com